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🎂🎂जनमदिन 🎂🎂


चाहती थी बहुत कुछ करना पर पति को अपना बर्थडे दोस्तों से ही स्पेशल लगता था..पत्नी की कोई जगह थी ही नहीं..कभी व्यक्त नहीं कर सकी..कहीं उसे ईर्ष्यालु न समझा जाए।

कुछ समय बाद तो पति का बर्थडे फेसबुक, व्हाट्सैप ने पूरी तरह हाईजैक कर लिया..

जब भी बर्थडे आता ..पति विजी ,सबको अटैंड करने रिप्लाई करने में..शान से पत्नी को बताते "मुझे लोग इतना चाहते हैं..एक हमारी पत्नी हैं जो घर में रहकर भी विश नहीं करती..वरना औरतें कितना अच्छे से पति का बर्थडे मनाती हैं.ये तो रहती भी उदास सी है जैसे मेरे बर्थडे की कोई खुशी न हो."

मन तो फट जाना चाहता.. "कि जब करती हूँ तो फालतू के ड्रामे..आई डोंट लाइक..ये भी नहीं देखते मैं मुहूँ से नहीं दिल से विश करती हूँ..भगवान से प्रार्थना..पसंद के सब खाना बनाना".

.पर उसने खुद को संभाला.. आज पति को खुश देखना चाहती है..गड़बड़ न हो जाए..जबरदस्त मुस्कान के साथ बोली.."दिन तो दोस्तों का होता है..मै तो चाँद के सामने विश करूँगी आपको"

..पति हँस जाता..पर दर्द न समझ पाता..अब बच्चे समझने लगे..पापा की बर्थडे पार्टी चाहने लगे..पर "पढ़ाई पर ध्यान दो"..डाट के साथ..मायूस..कसक तब और बढ़ जाती जब फोन आता.."लंच पर नहीं आऊँगा.. ऑफिस में सबने पार्टी माँग ली है तो..5000 में निपटा दिये सब"

.पत्नी..हँसकर खुशी व्यक्त करती..सोचती..कि आज तो पति पराए हैं..हमारा..आज न कहीं स्थान है न ज़रूरत....

हर बार एडवाँस लाई टीशर्ट..कयी दिनों के बाद देती।

गुरूर कम नहीं था पत्नी में भी कभी नहीं बताया कि आपके बर्थडे के लिए लाई थी।

फिर एक बार सोच लिया माँ और बच्चों ने पापा शामिल न हों तो भी हम सैलेब्रेट करेंगे..बच्चों ने अपने गुल्लक..पत्नी ने अपनी बचत निकाली..शापिंग की घर सजाया...पसंद का खाना बनाया..अँधेरा हो गया..जाकर केक ले आए..सब तैयारी थी..

पत्नी और बच्चों ने सुबह से इस बार विश भी नहीं किया..पूरी जिद के साथ अपना अधिकार पत्नी और बच्चे अब छीन लेना चाहते थे..

पति आया..देखते ही ...
"क्या है ये सब नाटक किये वगैर मानते नहीं तुम लोग !.बर्थडे बच्चों के मनाए जाते हैं..बड़ों के नहीं!"

..पत्नी ने कहा.."आपसे कौन कह रहा है मनाओ..आपको जिनके साथ अच्छा लगता है आप उनके साथ तो मनाते ही हो..हम आपके लिए इंपोर्टेंट नहीं होते आज के दिन! पर हमारे लिए आज का दिन बहुत खास है..हम तो मनाएँगे..आप केक काटो तो ठीक वरना आपकी तरफ से वो भी हम करलेंगे"...

आँसुओं को आँखों में समाने की नाकाम कोशिश जारी थी..
पति समझ गया आज तक उसने क्या गलती की..
सबको गले से लगाया..सौरी बौला..और हमेशा अपना बर्थडे शौक से मनाने लगा..
अपने पत्नी बच्चों की खुशी के लिए...
बस ! फर्क ये था..कि अब पत्नी हरबार की तरह ..पसंद का खाना नहीं बनाती..बल्कि..
पत्नी और बच्चों की पसंद का खाना..बाहर से आर्डर होता है..और अब कोई पति के लिए शापिग नहींं होती..
बल्कि पति अपने जनमदिन पर अपने पत्नी और बच्चों को शापिंग कराता है..फेसबुक व्हाट्सैप पर ज्यादातर लोगों को अगले दिन थैंक्स बोलता है।

उसके बर्थडे पर सब उसे खुश रखें न रखें पर वो अब अपने पत्नी ,बच्चों को उस दिन बहुत खुश रखता है।

#तरू

इस कहानी को हमारे पास एक पाठक ने मेल के माध्यम से भेजा है उनका नाम है :- Aarzoo vaishnav.

मैं इनका दिल से शुक्रिया करता हूँ जिनकी वजह इतनी सूंदर कहानी हम सबके के समक्ष आई 



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