बेटी क्या है और क्या नहीं !!!
१:- सूर्य के अगर बेटी होती और उसे विदा करने का अवसर आता तब उसे
पता चलता कि अंधकार किसे कहते हैं ।
२:- हर बेटी अपने पापा से सबसे ज़्यादा प्यार क्यों करती है ?
३:- क्यों कि वह जानती है कि संसार
में उसके पापा ही ऐसे व्यक्ति हैं जो उसे कभी दुखी देखना नहीं चाहते ।
४:- किसी भी परिवार में पापा को
डाँटने का अधिकार बेटी को ही होता है क्यों कि जिसे प्यार किया जाता है, उसे ही डाँटा जा सकता है ।
५:- मुझे मेरे एक मित्र ने कहा- मैं
अपनी पत्नी से भी ज़्यादा प्यार अपनी बेटी को करता हूँ ।
६:- जब मैं बीमार होता हूँ और बेटी
हाल पूछने ससुराल से आती है तो मैं अपने सब दुख दर्द भूल जाता हूँ ।
७:- मुझे भी लगता है कि विदाई के
समय पापा को तकलीफ़ कम नहीं होती ।
८:-- क्यों कि माँ तो सामने रो सकती
है,पर पापा अंदर ही अंदर रोते हैं ।
९:- बेटी बीस बाईस की होने लगती है , उसके बाद
पापा का वात्सल्य और प्रेम बढने
लगता है ।
१०:- बेटी कभी माँ बनेगी, कभी दादी भी, पर दोस्त तो सदैव बनी रहेगी ।
११:- बेटी का सुख पापा के होंठों की
मुस्कान है ।
१२:- पापा के दुख में बेटी हथेली
बनकर आँखों के आँसू पोंछती है ।
१३:- देखते ही देखते पता ही नहीं
चलता कि बेटी बड़ी हो जाती है और एक दिन सुहाग का जोड़ा पहन कर विदा हो जाती है ।
१४:- जाते समय पापा से चिपक कर जब
बेटी पापा से सजल नेत्रों से कहती है ।
१५:- पापा, मैं जा रही हूँ ,मेरी चिन्ता मत करना और अपना ध्यान
रखना ।
१६:- और तब पापा अपनी आँखों में
उमड़ते हुए आँसुओं को रोक नहीं पाते।
१७- हर एक पापा को भगवान से
प्रार्थना करनी चाहिये- हे प्रभो ! तुम संसार के सभी पुरूषों को सयाना और समझदार
बनाना क्यों कि उन्हीं में से एक मेरी बेटी का पति बनेगा ।
१८:- संसार की सभी स्त्रियों को
बहुत प्रेममय बनाना क्यों कि उन्हीं में से कोई मेरी बेटी की सास या ननद बनने वाली
है ।
१९:- हाल ही में निवृत एक मित्र ने
मुझसे कहा- यदि आपके घर में बेटी नहीं है तो पापा बेटी की घनिष्ठता के बारे में
नहीं जान सकते ।
२०:- बस इतना सा ख़याल रखना चाहिये
कि पुत्रवधू बेटी की तरह रहे और बेटी को उसके पापा के बारे में कुछ कटुवचन न कहा
जाये ।
२१:- क्यों कि बेटी भगवान के विरोध
में सुन सकती है लेकिन अपने पापा के बारे में नहीं ।
उन पिताओं को समर्पित जो अपनी
लाड़ली बेटियों के पापा हैं ।
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