जीवन यही है
श्मशान में एक समाधी पर अपना स्कूल बस्ता फेंक कर एक बच्चा समाधी के पास बैठ कर शिकायत करने लगा - "उठो ना पापा, टीचर ने कहा है कि कल फ़ीस लाना नहीं तो अपने पापा को साथ लेकर आना !!"
ये सुनकर बराबर की समाधी पर, एक आदमी फ़ोन पर किसी फूलवाले से हज़ारों रुपयों की फूलों की चादर लेने के लिए बात करते-करते कुछ सोचकर फ़ोन पर बोला कि "ऑर्डर कैंसल कर दो; नही चाहिए भाई। फूल इधर ही मिल गए है।"
उसने वो पैसे बच्चे के हाथ में रखे,
और बोला..."बेटा ये लो, तुम्हारे पापा ने भेजे हैं। कल स्कूल जाना ।
जीना इसी का नाम है..!!
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